डायनेमो एक घूमने वाली विद्युतीय मशीन है जिसमें ऊर्जा ,स्थानांतरण होता है साधारणत: दो प्रकार के डायनेमो उपयोग में लाए जाते हैं!
(1) विद्युतीय जैनरेटर अथवा जैनरेटर
(2)विद्युतीय मोटर अथवा मोटर
जैनरेटर में, यांत्रिक ऊर्जा को विद्युतीय ऊर्जा में बदला जाता है जबकि मोटर में विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदला जाता है, जबकि मोटर में विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदला जाता है
प्राथमिक रूप से बनावट में जैनरेटर और मोटर समान होती है और डी. सी. मशीन ही होती है,केवल इनकी उपयोगिता अलग-अलग विधि से ली जाती है।
जब डाइनेमो को एक जनरेटर की तरह प्रयोग में लाया जाता है तब किसी बाहरी शक्ति, जिसे प्राइम मूवर कहते हैं, के द्वारा एक अाम्रेचर घुमाया जाता है, जिस पर कंडक्टर लगे रहते हैं और वह दो बेयरिंगों के सेट द्वारा घूमने योग्य बनाए जाते हैं!
जब वह अार्मेचर उपस्थिति मैग्नेटिक फील्ड में घूमता है और उसमें आपेक्षिक गति दी जाती है तब जैनरेटर क्रिया उत्पन्न होती है और कंडक्टरों में e.m.f पैदा हो जाती है!
जब उपस्थित मैग्नेटिक फील्ड में उचित स्थान पर रखें कंडक्टर में विद्युतीय कंरट दे दी जाए तो एक डायनेमो मोटर की तरह कार्य करता है। यह तर्क उत्पन्न करता है अर्थात घूमने की प्रवृत्ति पैदा करता है।
प्राथमिक रूप से बनावट में जैनरेटर और मोटर समान होती है और डी. सी. मशीन ही होती है,केवल इनकी उपयोगिता अलग-अलग विधि से ली जाती है।
जब डाइनेमो को एक जनरेटर की तरह प्रयोग में लाया जाता है तब किसी बाहरी शक्ति, जिसे प्राइम मूवर कहते हैं, के द्वारा एक अाम्रेचर घुमाया जाता है, जिस पर कंडक्टर लगे रहते हैं और वह दो बेयरिंगों के सेट द्वारा घूमने योग्य बनाए जाते हैं!
जब वह अार्मेचर उपस्थिति मैग्नेटिक फील्ड में घूमता है और उसमें आपेक्षिक गति दी जाती है तब जैनरेटर क्रिया उत्पन्न होती है और कंडक्टरों में e.m.f पैदा हो जाती है!
जब उपस्थित मैग्नेटिक फील्ड में उचित स्थान पर रखें कंडक्टर में विद्युतीय कंरट दे दी जाए तो एक डायनेमो मोटर की तरह कार्य करता है। यह तर्क उत्पन्न करता है अर्थात घूमने की प्रवृत्ति पैदा करता है।
डी.सी. जैनरेटर का सिद्धांत- यदि 1 तारों की क्वाइल को किसी निश्चित मैग्नेटिक फील्ड में घुमाया जाए तो क्वायल से गुजरने वाली चुंबकीय बल रेखाओं में निरंतर परिवर्तन होने लगता है जिससे क्वायल में ई.एम.एफ उत्पन्न हो जाता है। इस उत्पन्न ई.एम.एफ अथवा करंट की दिशा फ्लेमिंग के दाएं हाथ के नियम द्वारा ज्ञात की जा सकती है।
डी.सी जैनरेटर के विभिन्न भाग- डी.सी जनरेटर में मुख्यतः निम्नलिखित भाग होते हैं :
(1) चुंबकीय फ्रेम अथवा योक
(2) पोल कोर तथा पोल शू
(3) पोल क्वायलें तथा फ्रॉड फ्रील्ड क्वायलें
(4) अार्मेचर कोर
(5) ब्रूश
(6) कम्यूटेटर
(7) ब्रूश रोकर
(8)अार्मेचर वाइंडिंग
(9) बेयरिंग
(10) शाफ्ट
(1) चुंबकीय फ्रेम अथवा योक
(2) पोल कोर तथा पोल शू
(3) पोल क्वायलें तथा फ्रॉड फ्रील्ड क्वायलें
(4) अार्मेचर कोर
(5) ब्रूश
(6) कम्यूटेटर
(7) ब्रूश रोकर
(8)अार्मेचर वाइंडिंग
(9) बेयरिंग
(10) शाफ्ट
I'm interested in science
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंमुझे डायनेमो पुरा प्रशन चाहिए
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