किसी इंडक्शन मोटर के रोटर स्लॉट्स तिरछे क्यों बनाये जाते है ?? Why Are Rotor Bars Skewed in An Induction Motor?
किसी इंडक्शन मोटर के रोटर स्लॉट्स तिरछे क्यों बनाये जाते है ??
आज हम विस्तार में बताएंगे की क्यों इन्हे तिरछा जैसा की आप चित्र में देख पा रहे
है। पर उससे पहले इंडक्शन मोटर के बारे में और मह्त्वपूर्ण जानकारिया जाने।
इंडक्शन मोटर क्या है:-
मित्रों आज हम बात करने वाले है कि इंडक्शन मोटर क्या है। और ये किस सिद्धांत पर काम करता है। हम आपको 3-phase इंडक्शन मोटर के बारे में बताएंगे। दोस्तों इंडक्शन मोटर की प्रयोग कि बात करे तो यह सबसे ज्यादा बड़े बड़े इंडस्ट्री में प्रयोग किया जाता है। क्योंकि इस मोटर की डिजाइन बहुत ही सिंपल, और robust संरचना होती है। और ये कम प्राइज के साथ साथ इसे किसी भी प्रकार के वातावरण में प्रयोग किया जा सकता है। इसमें एक और खास बात यह कि इसमें बहुत कम मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है।
इंडक्शन मोटर के लाभ:-
मित्रों यह इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा प्रयोग में होने वाला मोटर है। तो इसके कुछ लाभ तो होंगे ही तो आइए जानते है कि इसके क्या क्या लाभ है।
इसकी संरचना बहुत ही सरल और दृढ़ होती है।
यह अपेक्षा कृत अन्य मोटरो से सस्ता होती है।
इसके लिए बहुत कम मैंटेनेस की जरूरत पड़ती है।
यह उच्च दक्षता वाली मशीन होती है।
इस मोटर का अपेक्षाकृत पॉवर फैक्टर अच्छा होता है।
इसमें खास बात यह है कि यह स्वयं चालित (self starting) होती है।
इंडक्शन मोटर की हानि:-
दोस्तों इसके कुछ हानि भी है जो निम्न है।
यह मुख्य रूप से सिर्फ स्थिर या नियत गति वाले स्थानों पर ही उपयोग में लाया जा सकता है।
इसकी starting बलाघुर्ण, DC SHUNT MOTOR की अपेक्षा कम होती है।
इंडक्शन मोटर की संरचना:-
इस मोटर की संरचना में इसके मुख्यत दो भाग होते हैं
पहला stator और दूसरा रोटर। इसमें STATOR और ROTOR दोनों एक AIRGAP के द्वारा अलग रहते हैं। यह AIRGAP लगभग 0.4 mm से लेकर 4mm तक हो सकती है। Stator और रोटर में airgap इस बात पर निर्भर करती है कि मोटर की पॉवर कितनी है।
इंडक्शन मोटर का STATOR:-
stator में एक स्टील का फ्रेम होता है जिसके अंदर की तरफ एक खोखली सिलिंडर के आकार में लैमिनेटेड सिलिकॉन स्टील का स्लॉट्स कटे होते हैं। इसे लैमिनेटेड बनाए जाते है ताकि मोटर में उत्पन्न हिस्टरेसिस और eddy current हानि को काम किया जा सके। लैमिनेटेड सिलिकॉन स्टील के कटे स्लॉट्स में ही 3-φ कॉपर वाइंडिंग लगाई जाती है। 3-φ stator वाइंडिंग में पोले कर निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि मोटर की स्पीड कितनी होनी चाइए। जैसे कि यदि हम stator में पोल कि संख्या बढ़ाएंगे। तो हमारा स्पीड घटेगा और यदि पोल की संख्या घटाएंगे तो स्पीड बढ़ेगा। इसमें 3-φ stator वाइंडिंग में पॉवर सप्लाई दिया जाता है तो stator में एक रोटेटिंग फील्ड उत्पन्न होता है। जो कि विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के कारण होता है।
इंडक्शन मोटर का रोटर:-
जैसे कि हम जानते है कि रोटर लैमिनेटेड सिलिकॉन स्टील का बना होता है। जिसमे स्लॉट्स कटे होते हैं। और इसी स्लॉट्स में कॉपर या एल्यूमिनियम के बार लगे होते हैं। तथा इन सब बार को दोनों सिरों से एक उसी मेटल की मोटी पत्ती से एक दूसरे से शॉर्ट कर दिया जाता है। इंडक्शन मोटर में दो प्रकार की रोटर होते हैं।
1-SQUIRREL CAGE ROTOR
2- WOUND ROTOR
SQUIRREL CAGE ROTOR:-
इस प्रकार के रोटर उपर्युक्त बताए गए संरचना की तरह ही होती है। इसकी संरचना गिलहरी के पिजड़े की तरह होती है। इसीलिए इसे squirrel cage type rotor कहते हैं। Squirrel cage type rotor दो प्रकार के होते हैं।
Squirrel cage rotor
Double squirrel cage type rotor
Single squirrel cage type rotor
Note:- Double squirrel cage type rotor का प्रयोग वाहा पर किया जाता है जहां ज्यादा बलाघूर्ण की आवश्यकता होती है। सिंगल squirrel cage rotor में अपेक्षा कृत कम बलाघुर्णं उत्पन्न होती है। Double squirrel cage type rotor में अंदर में लगा छोटा वाला केज का प्रतिरोध अधिक होता है बड़े वाले केज की अपेक्षा।
जिस इंडक्शन मोटर में squirrel cage rotor का इस्तेमाल किया जाता है। उसे squirrel cage induction motor कहतें है। अधिकतर इंडक्शन मोटर ऐसे ही प्रकार के होते हैं। क्योंकि यह सबसे ज्यादा रोबॉस्ट संरचना वाला मोटर होते है। जिसका उपयोग किसी भी प्रकार के वातावरण में किया जा सकता है। लेकिन इस प्रकार के मोटर का starting बलाघूर्णं कम होता है। क्योंकि इसके रोटर के एक नियत या फिक्स कॉपर चालक बार लगाकर शॉर्ट सर्किट कर देते हैं। जिससे हम को बाहरी प्रतिरोध नहीं जोड़ सकते अतः इसका बलगुर्णं बढ़ा नहीं सकते हैं।
2- WOUND ROTOR:-
एक WOUND-रोटर मोटर, जिसे स्लिप रिंग-रोटर मोटर के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार की इंडक्शन मोटर है, जहां रोटर वाइंडिंग स्लिप रिंग के माध्यम से बाहरी प्रतिरोध से जुड़ी होती है।
किसी इंडक्शन मोटर के रोटर स्लॉट्स तिरछे क्यों बनाये जाते है ??
जैसा कि ऊपर चित्र में दिखाया गया है, एक प्रेरण मोटर के रोटर बार शाफ्ट के समानांतर नहीं होते हैं और बार तिरछे होते हैं। निम्नलिखित उद्देश्यपूर्ण प्रदर्शन लाभ प्राप्त करने के लिए रोटर bars को तिरछा किया जाता है।
प्रेरण मोटर के रोटर के तिरछा करने के लाभ
रोटर स्लॉट्स को तिरछा करने के निम्नलिखित फायदे हैं।
1-Increased Starting Torque
2-Prevents Cogging
3-Prevents Crawling
4-Reduce Magnetic Hum
अब, हम रोटर के तिरछेपन के महत्व को समझने के लिए उपरोक्त सभी बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।
Increased Starting Torque
Torque of a three phase induction motor is proportional to flux per stator pole, rotor current and the power factor of the rotor. T ∝ ɸ I2 cosɸ2 OR T = k ɸ I2 cosɸ2 .
रोटर bars की लंबाई तिरछा होने के साथ बढ़ जाती है।
प्रेरण मोटर का तिरछा रोटर में
रोटर कंडक्टर की लंबाई अधिक होती है यदि कंडक्टर को घुमावदार रोटर स्लॉट में रखा जाता है। कंडक्टर का प्रतिरोध कंडक्टर की लंबाई और क्रॉस-सेक्शनल क्षेत्र पर निर्भर करता है। तिरछा होने के साथ, रोटर कंडक्टर की लंबाई बढ़ जाती है और क्रॉस-सेक्शनल क्षेत्र कम हो जाता है।
Resistance(R)=p*L/A
बढ़ा हुआ प्रतिरोध रोटर सर्किट के पावर फैक्टर में सुधार करता है और मोटर की शुरुआती टॉर्क देने की क्षमता में सुधार करता है। रोटर प्रतिरोध (R2) जितना अधिक होगा, शुरुआती टॉर्क उतना ही अधिक होगा।
इंडक्शन मोटर का स्पीड-टॉर्क कर्व नीचे दिया गया है।
टॉर्क स्लिप इंडक्शन मोटर की विशेषता
कोगिंग रोकता है:
यदि स्टेटर स्लॉट की संख्या रोटर स्लॉट के बराबर है या रोटर स्लॉट के इंटीग्रल गुणकों के बराबर है और यदि रोटर स्लॉट स्टेटर स्लॉट के समानांतर हैं तो रोटर और स्टेटर दांतों के बीच चुंबकीय लॉकिंग के कारण मोटर शुरू करने से इंकार कर सकता है . घटना को कॉगिंग कहा जाता है।
यदि रोटर और स्टेटर कंडक्टर एक दूसरे के समानांतर हैं, तो रोटर और स्टेटर के बीच चुंबकीय लॉकिंग की प्रबल संभावना है। इसलिए, रोटर स्लॉट तिरछे हैं।
क्रॉलिंग रोकता है:
इंडक्शन मोटर के बहुत कम गति से चलने की घटना को रेंगने के रूप में जाना जाता है। रेंगने की घटना के लिए हार्मोनिक्स जिम्मेदार हैं। मोटर Ns/7 या Ns/13 की गति से रेंग सकती है। रोटर का तिरछा टूथ हार्मोनिक्स को कम करता है, और इस प्रकार रेंगने के प्रभाव को रोकता है।
चुंबकीय हुम को कम करता है:
स्क्यूइंग चुंबकीय hum को कम करने में मदद करता है, और मोटर शांत चलती है।
Skewing Angle in Induction Motor:
The rotor skew angle formula is as given below.
= 720/n(P/2) Degree electrical
Where,
P= Number of poles
n= Order of Harmonics
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